संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान बवाल कई कारकों के संयोग से हुआ, जिनमें शामिल हैं:
• धार्मिक भावनाएँ: मस्जिद एक संवेदनशील धार्मिक स्थल है, और इसके सर्वेक्षण को कई लोगों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला माना। यह धारणा कि सर्वेक्षण मस्जिद के स्वामित्व या उपयोग पर सवाल उठा सकता है, बड़े पैमाने पर विरोध का कारण बना।
• विश्वास और अविश्वास: कई लोगों को सर्वेक्षण के उद्देश्य और पारदर्शिता पर संदेह था। उन्हें आशंका थी कि सर्वेक्षण का उपयोग मस्जिद के विरुद्ध किया जा सकता है। यह अविश्वास हिंसा का एक महत्वपूर्ण कारक बन गया।
• राजनीतिकरण: इस घटना को कुछ राजनीतिक दलों और समूहों ने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की, जिससे तनाव और अधिक बढ़ गया। इससे विरोध प्रदर्शन और अधिक संगठित और उग्र हो गए।
• संचार का अभाव: प्रशासन और स्थानीय समुदाय के बीच प्रभावी संचार की कमी के कारण गलतफहमियाँ और अटकलें फैल गईं, जिससे स्थिति बिगड़ गई।
• सामाजिक-आर्थिक कारक: संभवतः स्थानीय सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों ने भी स्थिति को प्रभावित किया हो सकता है। असंतोष और निराशा की भावना विरोध में योगदान करती है।
संक्षेप में, संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल का कोई एक ही कारण नहीं था, बल्कि यह कई कारकों का एक जटिल मिश्रण था जिसने एक साथ मिलकर हिंसा को जन्म दिया। यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह घटना केवल एक स्थानीय घटना नहीं थी, बल्कि यह व्यापक सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में समझी जानी चाहिए।