यह दावा है कि संभल की जामा मस्जिद, जिसे कुछ लोग ऐतिहासिक रूप से हरि मंदिर मानते हैं, में समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार द्वारा पूजा बंद करवाई गई थी। बीजेपी विधायक द्वारा मानचित्र और तस्वीरों के प्रमाण प्रस्तुत किए जाने का उल्लेख है, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इमारत में बार-बार हुए बदलावों पर ध्यान दिया गया है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक एकतरफ़ा दावा है और इसकी स्वतंत्र पुष्टि की आवश्यकता है। इस तरह के दावों की जांच करना आवश्यक है क्योंकि ऐतिहासिक स्थलों के संबंध में अक्सर विवाद और विरोधी दावे होते हैं।
इस दावे की पुष्टि करने या खंडन करने के लिए निम्नलिखित स्रोतों से जानकारी की आवश्यकता होगी:
• बीजेपी विधायक द्वारा प्रस्तुत मानचित्र और फ़ोटो की स्वतंत्र जाँच: इन दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता को सत्यापित करने की आवश्यकता है। क्या ये दस्तावेज़ वास्तविक हैं और क्या उनका सही तरीके से विश्लेषण किया गया है?
• ASI रिपोर्ट की समीक्षा: ASI द्वारा किए गए सर्वेक्षण की पूरी रिपोर्ट का अध्ययन करके इमारत में हुए बदलावों की प्रकृति और समय का पता लगाया जा सकता है।
• ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स की जाँच: संभल की जामा मस्जिद के इतिहास पर उपलब्ध सभी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स (जैसे कि भूमि रिकॉर्ड, पुराने नक्शे, साहित्यिक स्रोत, आदि) की जांच करनी चाहिए।
• विभिन्न पक्षों के बयान: सभी संबंधित पक्षों, जिसमें स्थानीय समुदाय, इतिहासकार और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं, के बयानों को एकत्रित करके एक व्यापक तस्वीर प्राप्त की जा सकती है।