किसानों का जत्था बॉर्डर पर पहुंच गया था। लेकिन अब वे वापस लौट आए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में पंजाब के किसान शुक्रवार, 6 दिसंबर को दिल्ली के लिए निकलेंगे। वे संसद तक मार्च करने की योजना बना रहे हैं। उनकी मांगें में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं, और कर्ज माफी शामिल हैं।

इसके अलावा, वे किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और 2021 के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करेंगे।

आज दोपहर करीब 1 बजे शंभू बॉर्डर से किसानों का पैदल जुलूस शुरू होने वाला था। लेकिन, किसान नेता सरवन सिंह पंधरे ने जत्था को वापस बुला लिया है।

क्यों लौटा किसानो का जत्था

पुलिस ने गोले छोड़ने का सिलसिला जारी रखा। करीब 26 से ज्यादा गोले गोले छोड़े जा चुके हैं।

किसानों का जत्था बॉर्डर पर पहुंच गया था। लेकिन अब वे वापस लौट आए हैं।

किसान मोर्चा के दौरान, पुलिस ने आंसू गैस का उपयोग किया। इस गोलाबारी में छह किसान घायल हो गए। इसके बाद, किसान नेताओं ने मार्च को दिन भर के लिए रोक दिया।

एक किसान गंभीर रूप से घायल हुआ। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

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